New Delhi, E-Insurance Mandatory: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने 1 अप्रैल, 2024 से (IRDAI) बीमा पॉलिसियों का डिजिटलीकरण अनिवार्य कर दिया है।
UP News Hindi: ई-बीमा: 1 अप्रैल, 2024 से, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने प्रभावी बीमा पॉलिसियों का डिजिटलीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और सामान्य बीमा के सभी प्रकारों पर लागू होता है।
ई-बीमा का क्या है?
ई-बीमा खाता, या ईआईए, एक सुरक्षित ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से जीवन और स्वास्थ्य पॉलिसियों सहित बीमा योजनाओं का इलेक्ट्रॉनिक प्रबंधन करता है।
IRDA द्वारा अनिवार्य ई-बीमा में इलेक्ट्रॉनिक बीमा पॉलिसियों को जारी करना और नियंत्रित करना शामिल है। ये पॉलिसियां ई-बीमा खाते (EIA) के माध्यम से पहुंच योग्य होंगी, जो पॉलिसीधारकों को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन अपनी बीमा योजनाओं को नियंत्रित करने के लिए प्रदान करेगा।
पॉलिसीधारकों पर ई-बीमा का क्या होगा प्रभाव
स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में Policybazar.com के बिजनेस हेड सिद्धार्थ सिंघल ने इस कदम को ग्राहक-केंद्रित पहल बताया। यह देखते हुए कि पॉलिसीधारक अपनी बीमा योजनाओं को आसानी से इलेक्ट्रॉनिक प्रारूपों से नियंत्रित कर सकते हैं, उन्होंने ई-बीमा की सुविधा पर जोर दिया।
सुव्यवस्थित प्रक्रियाएँ: सिंघल ने डिजिटलीकरण के कई लाभों का उल्लेख किया, जिनमें कागजी कार्य को कम करना और दस्तावेज़ को नुकसान पहुँचाने का कम जोखिम शामिल है। इसके अलावा, कई पॉलिसियों में संपर्क जानकारी जैसे विवरणों को अपडेट करना या पते में बदलाव करना आसान हो गया है।
डिजिटल बीमा में बदलाव से पॉलिसीधारकों और बीमाकर्ताओं के बीच अधिक सहज संचार होता है। यह सुव्यवस्थित संचार चैनल दावा निपटान को आसान बनाता है, जो अंततः पॉलिसीधारकों का समग्र अनुभव बढ़ाता है।
पॉलिसीधारक, ई-बीमा खातों और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म से अधिक सुविधा, अधिक सुरक्षा और बीमाकर्ताओं के साथ बेहतर संचार की उम्मीद कर सकते हैं।
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