UP News: सबसे बड़ी समस्या बड़े शहरों से सटे छोटे नगर पंचायतों, पालिका परिषदों और जिला पंचायतों में अवैध निर्माण है। मॉडल भवन विकास उपविधि की कमी से मनमाने तरीके से भवनों का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे अवैध निर्माण होता है। सड़क से सटी जमीनों पर व्यवसायिक भवन बनाने में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जाता है।
UP News Hindi (Uttar Pradesh): यूपी के छोटे शहरों में घर बनवा रहे लोगों को नुकसान होगा। योगी सरकार छोटे शहरों को भी बड़े शहरों की तरह विकसित करने के लिए मानक बनाने जा रही है। इसके लिए, आवास विभाग तय मानक को पूरा करने के लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तैयार करेगा। यह छोटी नगर पालिका परिषदों, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों में अनिवार्य होगा।
अब नहीं हो सकेगा अवैध निर्माण
सबसे बड़ी समस्या बड़े शहरों से सटे छोटे नगर पंचायतों, पालिका परिषदों और जिला पंचायतों में अवैध निर्माण है। मॉडल भवन विकास उपविधि की कमी से मनमाने तरीके से भवनों का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे अवैध निर्माण होता है। सड़क से सटी जमीनों पर व्यवसायिक भवन बनाने में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जाता है। स्ट्रक्चरल, फायर और बिल्डिंग कोड मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, उदाहरण के लिए। ऐसे भवनों को भविष्य में इससे खतरा हो सकता है। शासन ने छोटे शहरों में तेजी से बढ़ते अवैध निर्माण की चिंता जताई। नई व्यवस्था इनसे बचेगी।
भू-उपयोग के आधार पे मिलेगी अनुमति
प्रदेश के 59 शहरों में एक लाख से अधिक लोग रहते हैं और मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। दूसरी कड़ी में, 50 हजार से एक लाख लोगों की आबादी वाले 63 शहरों में मास्टर प्लान बनाने का लक्ष्य है। आवास विभाग चाहता है कि इन सभी शहरों में समान भवन बनाने का प्रबंध हो। छोटे शहरों में भी, बड़े शहरों की तरह, भवन विकास उपविधि के अनुरूप नक्शा पास किया जाए। उच्च स्तर पर इस पर समझौता हुआ है। आवास विभाग को भवन विकास उपविधि बनाने का काम सौंप दिया गया है। इन शहरों को सदन या बोर्ड से इसे लागू करना होगा।
वर्तमान में क्या है व्यवस्था
- नक्शे अभी बोर्ड स्तर से नियमों के आधार पर पारित होते हैं।
- बड़े नक्शे को पार करने के लिए मनमाना प्रक्रिया अपनाई जाती है
- भू-उपयोग पर ध्यान नहीं दिया जाता
- सभी के पास मॉडल भवन विकास की उपविधि नहीं है
बदलाव से क्या होगा लाभ ?
- मॉडल विकास उपकरण विकसित किया जाएगा
- इसे अपने यहां छोटे निकायों पर लागू करना होगा।
- नक्शा निर्धारित भू-उपयोग पर पास किया जाएगा।
- एकल नक्शे में जी प्लस टू, यानी तीन मंजिला होंगे
- व्यापार के लिए फ्लोर क्षेत्र पर नक्शा पास होगा
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